Ola-Uber का सफर हुआ महंगा, अब किलोमीटर के हिसाब से देना होगा 22.72 रुपये

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शहरों में आजकल Ola-Uber जैसी ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं आम हो चुकी हैं। ऑफिस जाने से लेकर एयरपोर्ट या लंबी यात्रा तक, लोग सुविधा और आराम के लिए इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं। लेकिन हाल ही में ओला और उबर की ओर से भाड़े में बढ़ोतरी की गई है। अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर 22.72 रुपये देने होंगे। इस बदलाव ने लाखों यूज़र्स के बजट पर सीधा असर डाला है।

किराया क्यों बढ़ाया गया?

Ola-Uber जैसी सेवाओं के लिए किराया तय करने में कई कारक शामिल होते हैं। हाल के समय में इन कारकों की वजह से दरों में वृद्धि की गई है:

  1. पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें – ईंधन की बढ़ती कीमतों ने टैक्सी चालकों के खर्च को काफी बढ़ा दिया है।
  2. गाड़ियों का रखरखाव – सर्विसिंग, टायर बदलना और इंश्योरेंस जैसी लागत पहले से ज्यादा हो गई है।
  3. ड्राइवर की कमाई – बढ़ती महंगाई में ड्राइवरों की आय प्रभावित हो रही थी। नए किराए से उन्हें थोड़ा राहत मिलेगी।
  4. प्लेटफॉर्म शुल्क – Ola-Uber अपने ऐप और टेक्नोलॉजी के लिए कुछ प्रतिशत शुल्क भी जोड़ते हैं।

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यात्रियों पर असर

किराए में हुई इस वृद्धि का सबसे ज्यादा असर रोज़ाना यात्रा करने वाले लोगों पर पड़ा है।

  • जो लोग रोज ऑफिस आने-जाने के लिए Ola-Uber का इस्तेमाल करते हैं, उनका मासिक खर्च काफी बढ़ जाएगा।
  • छोटे-छोटे सफर, जैसे 3-4 किलोमीटर का, भी अब पहले से ज्यादा महंगा हो गया है।
  • कई लोग अब ऑटो, मेट्रो या बस जैसे विकल्पों की तरफ रुख कर सकते हैं।

ड्राइवरों को फायदा या नुकसान?

  • नए किराए से ड्राइवरों को ईंधन और गाड़ी की देखभाल का खर्च निकालना आसान होगा।
  • उनकी कमाई पहले की तुलना में थोड़ी बेहतर हो सकती है।
  • लेकिन अगर बढ़े हुए किराए की वजह से यात्रियों की संख्या कम हो गई, तो उनकी आमदनी पर फिर से दबाव आ सकता है।

यात्रियों के लिए विकल्प

किराया महंगा होने के बाद कई लोग अन्य विकल्प तलाश रहे हैं:

  1. ऑटो रिक्शा – छोटी दूरी के लिए सस्ता विकल्प।
  2. बस और मेट्रो – लंबी दूरी के लिए सबसे किफायती साधन।
  3. कार पूलिंग – दोस्तों या सहकर्मियों के साथ यात्रा साझा करने से खर्च बंट जाता है।
  4. इलेक्ट्रिक टैक्सी – कुछ कंपनियां अब इलेक्ट्रिक टैक्सी कम किराए पर उपलब्ध करा रही हैं।

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विशेषज्ञों की राय

ट्रांसपोर्ट सेक्टर के जानकारों का कहना है कि, Ola-Uber किराए में यह बढ़ोतरी लंबे समय तक टिक सकती है। ऐसे में आम लोगों को सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल बढ़ाना होगा। वहीं, सरकार को भी मेट्रो और बस सेवाओं को और बेहतर बनाने पर जोर देना चाहिए ताकि लोगों पर ज्यादा बोझ न पड़े।

निष्कर्ष

Ola-Uber का सफर अब महंगा हो चुका है। प्रति किलोमीटर 22.72 रुपये देना आम लोगों के लिए बड़ी बात है। रोजाना सफर करने वाले कर्मचारियों, छात्रों और यात्रियों पर इसका सीधा असर होगा। हालांकि, ड्राइवरों को इससे थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। आने वाले दिनों में लोग कितनी मात्रा में इन सेवाओं का उपयोग करेंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि वे अपने बजट और सुविधा के बीच कितना संतुलन बना पाते हैं।


FAQs

Ola-Uber का नया किराया कितना है?

अब यात्रियों को प्रति किलोमीटर लगभग 22.72 रुपये देना होगा।

Ola-Uber का किराया क्यों बढ़ाया गया?

ईंधन की बढ़ती कीमतें, गाड़ी का रखरखाव और ड्राइवर की आय बढ़ाने की जरूरत जैसे कारणों से किराया बढ़ाया गया है।

Ola-Uber – इस दरवृद्धि से किसे फायदा होगा?

इसका सबसे ज्यादा फायदा ड्राइवरों को होगा, क्योंकि उनकी कमाई और खर्च का संतुलन बेहतर हो पाएगा।

यात्रियों पर इसका क्या असर पड़ेगा?

रोजाना ओला-उबर से सफर करने वालों का मासिक बजट बढ़ जाएगा और छोटी दूरी का सफर भी महंगा होगा।

Ola-Uber महंगा होने के बाद क्या विकल्प हैं?

ऑटो रिक्शा, बस, मेट्रो, कार पूलिंग और इलेक्ट्रिक टैक्सी जैसे विकल्प सस्ते और सुविधाजनक हो सकते हैं।


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