Contents
- 1 नई टोल नीति क्या है? – Nitin Gadkari
- 2 FASTag सिस्टम से आगे का कदम
- 3 ट्रैफिक और समय की बड़ी बचत
- 4 दो-पहिया वाहनों के लिए राहत
- 5 “Poor Road – No Toll” नीति पर भी काम – Nitin Gadkari
- 6 देश की टोल वसूली व्यवस्था में बड़ा बदलाव
- 7 नई प्रणाली कैसे काम करेगी? (Step-by-Step)
- 8 पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर असर
- 9 निष्कर्ष: अब भारत में ‘Smart Highways’ का दौर शुरू
अगर आप रोज़ाना नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री Nitin Gadkari जीने ऐलान किया है कि जल्द ही भारत के सभी टोल प्लाज़ा खत्म कर दिए जाएंगे।
उनकी जगह एक नई डिजिटल टोल सिस्टम आएगी, जिससे बिना रुके ही आपका टोल अपने-आप कट जाएगा।
नई टोल नीति क्या है? – Nitin Gadkari
Nitin Gadkari जीने कहा कि सरकार एक नई नीति ला रही है जिसमें “barrier-less tolling system” लागू किया जाएगा।
मतलब – अब किसी वाहन को टोल बूथ पर रुकना नहीं पड़ेगा।
गाड़ियों की पहचान GPS-based tracking और Automatic Number Plate Recognition (ANPR) तकनीक से की जाएगी।
इससे होगा ये कि —
- गाड़ी टोल ज़ोन में जैसे ही दाखिल होगी, सिस्टम आपके वाहन की लोकेशन और नंबर प्लेट स्कैन कर लेगा।
- उसके बाद टोल राशि सीधे आपके बैंक खाते या FASTag से अपने-आप कट जाएगी।
- आपको न तो रुकना पड़ेगा, न लाइन में लगना।
FASTag सिस्टम से आगे का कदम
अभी भारत में टोल वसूली के लिए FASTag सिस्टम काम कर रहा है,
लेकिन कई जगह अभी भी जाम और स्कैनिंग की दिक्कतें रहती हैं।
नई तकनीक इन परेशानियों को खत्म करेगी।
Nitin Gadkari जीने कहा है कि –
“भारत की सड़कों पर अब कोई टोल जाम नहीं रहेगा। हम पूरी तरह डिजिटल सिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें वाहन के रुकने की ज़रूरत नहीं होगी।”
इस सिस्टम को पहले प्रायोगिक तौर पर कुछ नेशनल हाईवे पर लागू किया जाएगा।
अगर यह सफल रहा तो देश के सभी हाईवे पर इसे अगले चरण में लागू किया जाएगा।
ट्रैफिक और समय की बड़ी बचत
- अभी टोल प्लाज़ा पर औसतन हर गाड़ी को 3–5 मिनट तक रुकना पड़ता है।
- नई प्रणाली से यह समय शून्य हो जाएगा।
- लंबी दूरी तय करने वालों को 20–30 मिनट की समय बचत हर सफर में होगी।
इसके साथ ही ईंधन की भी बचत होगी क्योंकि इंजन को बार-बार start–stop नहीं करना पड़ेगा।
इससे कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी — यानी यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद कदम है।
दो-पहिया वाहनों के लिए राहत
Nitin Gadkari जीने साफ किया कि दो-पहिया वाहन (scooter, bike) पर कोई टोल टैक्स नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा कि दो-पहिया वाहनों पर टोल वसूलना अनुचित है,
इसलिए सरकार की योजना है कि ऐसे वाहनों को हमेशा टोल-मुक्त रखा जाए।
“Poor Road – No Toll” नीति पर भी काम – Nitin Gadkari
Nitin Gadkari जीने यह भी कहा कि जिन सड़कों की हालत खराब है,
वहाँ से टोल वसूली बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।
सरकार अब इस पर सख्ती से नज़र रखेगी।
अगर कोई ठेकेदार सड़क की मरम्मत नहीं करता, तो उसका टोल कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया जा सकता है।
देश की टोल वसूली व्यवस्था में बड़ा बदलाव
- भारत में करीब 850 से ज़्यादा टोल प्लाज़ा हैं।
- इनसे हर साल ₹60,000 करोड़ से अधिक का राजस्व आता है।
- नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह पूरी प्रक्रिया ऑटोमेटेड और पारदर्शी बन जाएगी।
- इससे न सिर्फ ट्रैफिक कम होगा, बल्कि भ्रष्टाचार और नकली वसूली भी रुकेगी।
नई प्रणाली कैसे काम करेगी? (Step-by-Step)
| चरण | विवरण |
|---|---|
| 1. वाहन की पहचान | ANPR कैमरा नंबर प्लेट को स्कैन करेगा |
| 2. GPS ट्रैकिंग | हाईवे पर सेंसर वाहन की लोकेशन ट्रैक करेंगे |
| 3. दूरी-आधारित चार्ज | जितनी दूरी तय की, उतना टोल अपने-आप कटेगा |
| 4. ई-रसीद जनरेशन | आपके मोबाइल या FASTag ऐप पर रसीद मिलेगी |
| 5. बिना रुकावट सफर | गाड़ी की स्पीड घटाए बिना टोल एरिया पार होगा |
पर्यावरण और अर्थव्यवस्था पर असर
- हर टोल जाम से प्रति मिनट लाखों लीटर ईंधन जलता है।
- नए सिस्टम से सालाना ₹20,000 करोड़ तक ईंधन की बचत संभव है।
- साथ ही, कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी आएगी।
- ऑटोमेशन और डिजिटलीकरण से हजारों नौकरियाँ भी बनेंगी (maintenance, data, logistics आदि)।
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निष्कर्ष: अब भारत में ‘Smart Highways’ का दौर शुरू
Nitin Gadkari जी का यह बयान भारत के सड़क परिवहन में एक ऐतिहासिक बदलाव की दिशा है।
जल्द ही देशभर के हाईवे पर Zero-Stop Toll System लागू होगा,
जहाँ न टोल लाइनें होंगी, न जाम, न इंतज़ार।
अब हर सफर होगा तेज़, सुरक्षित और बिना रुकावट।
यह भारत को “Smart Infrastructure Nation” की ओर ले जाने वाला बड़ा कदम है।







