श्रीराम नगरी अयोध्या में दीपोत्सव का नया विश्व रिकॉर्ड — 26 लाख दीयों से जगमगाई पूरी नगरी – Ayodhya Deepotsav 2025

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Ayodhya Deepotsav

अयोध्या में इस साल Ayodhya Deepotsav 2025 का आयोजन अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक रहा। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर इस बार करीब 26 लाख 17 हजार से ज्यादा मिट्टी के दीये जलाए गए, जिससे पूरी नगरी सुनहरी रोशनी से नहा उठी। इस आयोजन ने नया Ayodhya Deepotsav गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और पूरे विश्व में अयोध्या की दिव्यता की गूंज सुनाई दी।

Ayodhya Deepotsav – भव्य तैयारी और आयोजन

सारयू नदी के किनारे बने 56 घाटों पर दीयों की कतारें सजाई गईं। घाटों से लेकर मंदिरों, गलियों और घरों तक हर जगह मिट्टी के दीयों की जगमगाहट फैल गई। इस आयोजन में 30 हजार से अधिक स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्होंने दीयों को जलाने और सजाने में अहम भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर Ayodhya Deepotsav की शुरुआत की और कहा कि यह केवल एक उत्सव नहीं बल्कि आस्था, संस्कार और भारतीय संस्कृति की विजयगाथा है।

बना नया विश्व रिकॉर्ड

इस वर्ष Ayodhya Deepotsav में कुल 26,17,215 दीए जलाए गए, जिससे यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े दीपोत्सव के रूप में दर्ज हुआ। इसके अलावा, एक ही समय पर 2,000 से ज्यादा लोगों ने एकसाथ आरती कर दीया घुमाया, जिससे एक और नया रिकॉर्ड बना।

स्थानीय कारीगरों की बड़ी कमाई

Ayodhya Deepotsav से न सिर्फ धार्मिक उल्लास बढ़ा बल्कि स्थानीय कुम्हारों और दीया बनाने वाले कारीगरों की भी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। लाखों दीये तैयार करने के लिए महीनों पहले से तैयारी शुरू कर दी जाती है। इससे हजारों परिवारों को रोजगार मिला और उनके घरों में भी दीपोत्सव की खुशियां पहुंचीं।

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सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

अयोध्या का दीपोत्सव भारत की अविचल परंपरा और आस्था का प्रतीक बन चुका है। यह आयोजन सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामूहिक सहभागिता का प्रतीक भी है। दुनिया भर से पर्यटक इस दिव्य दृश्य को देखने पहुंचे, जिससे पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिला।

सुरक्षा और पर्यावरण पर ध्यान

इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रही। प्रशासन ने साफ-सफाई, बिजली और आपातकालीन सेवाओं की विशेष व्यवस्था की। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई जगहों पर पर्यावरण-अनुकूल तेल और बायोडिग्रेडेबल दीयों का उपयोग किया गया।

निष्कर्ष

अयोध्या का यह Ayodhya Deepotsav हर भारतीय के गर्व का प्रतीक बन गया है। जब लाखों दीए एक साथ जले, तो ऐसा लगा मानो खुद भगवान श्रीराम की नगरी स्वर्ग बन गई हो। इस आयोजन ने दिखा दिया कि जब आस्था और एकता मिलती है, तो अंधकार हमेशा के लिए मिट जाता है।


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