Contents
- 1 1947: आजादी के बाद Indian rupee vs dollar का रिश्ता कैसा था?
- 2 1950-1966: धीरे-धीरे आई गिरावट
- 3 1970-1990: डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर
- 4 1991: आर्थिक सुधार, परन्तु रुपया और गहरायी में
- 5 2001-2020: वैश्वीकरण, वैश्विक संकट और Indian rupee का उतार-चढ़ाव
- 6 2021-2025: महामारी और ग्लोबल अस्थिरता का असर
- 7 रुपया क्यों गिरा? मुख्य वजहें
- 8 निष्कर्ष
भारत का आर्थिक इतिहास जानना है तो Indian rupee vs dollar एक्सचेंज रेट का सफर जरूर समझना चाहिए। आज हम जानेंगे कि आजादी के बाद से लेकर 2025 तक, 1 डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कैसे बदलता गया, और इसके पीछे की मुख्य वजहें क्या हैं।
1947: आजादी के बाद Indian rupee vs dollar का रिश्ता कैसा था?
1947 में जब भारत आजाद हुआ, 1 अमेरिकी डॉलर ₹3.30 के बराबर था।
उस दौर में Indian rupee काफी मजबूत था, और भारत के पास अच्छा खासा सोना व विदेशी मुद्रा भंडार भी था। देश की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान थी, और भारत बहुत कम आयात करता था।
1950-1966: धीरे-धीरे आई गिरावट
इस बीच Indian rupee की वैल्यू स्थिर रही।
- 1950-1965 तक: 1 USD = ₹4.76
- 1966 आते-आते—भारतीय अर्थव्यवस्था और विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रेशर बढ़ा, खासकर दोयम युद्ध व मुद्रा संकट के कारण।
1966 में रुपया डीवैल्यू (मूल्यह्रास) किया गया और एक्सचेंज रेट पहुंच गया 1 USD = ₹7.50।
1970-1990: डॉलर के मुकाबले रुपया और कमजोर
- 1975 में 1 डॉलर = ₹8.39
- 1985 में 1 डॉलर = ₹12.37
- 1990 में 1 USD = ₹17.50
इन तीन दशकों में भारत को लगातार तेल के दाम, ट्रेड डेफिसिट, और राजकोषीय घाटा झेलना पड़ा।
1991: आर्थिक सुधार, परन्तु रुपया और गहरायी में
1991 में भारत ने आर्थिक उदारीकरण की नीति अपनाई, जिससे विदेशी निवेश तो आया लेकिन रुपया भी गिरता गया।
- 1991 – 1 USD = ₹22.74
- 1995 – 1 USD = ₹32.43
- 2000 – 1 USD = ₹44.94
2001-2020: वैश्वीकरण, वैश्विक संकट और Indian rupee का उतार-चढ़ाव
- 2001 – 1 USD = ₹47.19
- 2008 आर्थिक मंदी में भी रुपया गिरा:
- 2008 – 1 USD = ₹43.30
- 2012 के बाद तेजी से आई गिरावट—नवंबर 2013:
- 2012 – 1 USD = ₹53.44
- 2013 – 1 USD = ₹56.57
- 2014 – 1 USD = ₹62.33
- 2016 – 1 USD = ₹66.46
- 2018 – 1 USD = ₹70.09
- 2019 – 1 USD = ₹70.39
- 2020 – 1 USD = ₹76.38
2021-2025: महामारी और ग्लोबल अस्थिरता का असर
- 2021 – 1 USD = ₹74.57
- 2022 – 1 USD = ₹81.35
- 2023 – 1 USD = ₹81.94
- 2024 – 1 USD = ₹84.83
- 2025 – 1 USD = ₹88.72
रुपया क्यों गिरा? मुख्य वजहें
- आयात-निर्यात असंतुलन: भारत आयात (खासकर कच्चा तेल) ज्यादा करता है, निर्यात कम।
- महंगाई: डॉलर की तुलना में भारतीय बाजार में महंगाई ज्यादा रही।
- विदेशी निवेश में कमी: जब विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से पैसा निकालते हैं।
- डॉलर का मजबूत होना: ग्लोबल लेवल पर डॉलर को सबसे सुरक्षित मुद्रा माना जाता है।
- भूराजनीतिक संकट: युद्ध, कच्चे तेल की कीमतें और अंतरराष्ट्रीय नीतियां।
- भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियां: क्रूड प्राइस में उतार-चढ़ाव, ब्याज दरें, और जॉब ग्रोथ की समस्याएं।
निष्कर्ष
आजादी के समय ₹3.30/डॉलर से शुरू करके 2025 में ₹88.72/डॉलर तक आना—यह भारतीय अर्थव्यवस्था के सफर और चुनौतियों को दर्शाता है। आगे Indian rupee मजबूत होगा या कमजोर, यह घरेलू सुधार, निर्यात, मेक इन इंडिया, विदेशी निवेश और अंतरराष्ट्रीय हालातों पर निर्भर करेगा।
आर्टिकल को शेयर करें और ऐसे और अर्थव्यवस्था से जुड़े आर्टिकल्स के लिए जुड़े रहें!










