Contents
- 0.1 Sabarimala भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूकें सामने आईं
- 0.2 ट्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड की जवाबदेही
- 0.3 श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उसकी चुनौतियां
- 0.4 हाईकोर्ट ने जताई विशेष चिंता
- 0.5 Sabarimala भारी भीड़ की चुनौती: क्या हैं सुझाव?
- 0.6 विपक्षी दलों की आलोचना
- 0.7 केंद्रीय बलों की तैनाती और आगे के कदम
- 1 सारांश तालिका: Sabarimala भीड़ प्रबंधन की प्रमुख बातें
Sabarimala केरल के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार 2025 के मंडल-मकरविलक्कु सत्र के दौरान भारी भीड़ ने नियंत्रण से बाहर स्थिति पैदा कर दी है। केरल हाईकोर्ट ने सरकार और ट्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड (TDB) को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पष्ट किया है कि, यदि भीड़ नियंत्रित नहीं की गई तो बड़ा हादसा होना निश्चित है।
Sabarimala भीड़ प्रबंधन में गंभीर चूकें सामने आईं
- केरल हाईकोर्ट ने अधिकारियों की लापरवाही को घोर निंदनीय बताया है और कहा कि छह महीने पहले से आवश्यकता के अनुसार तैयारियां शुरू करनी चाहिए थीं।
- कोर्ट ने सवाल उठाया कि कैसे एक साथ इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालुओं को Sabarimala मंदिर क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई जबकि सुरक्षा मानकों का उल्लंघन हो रहा था।
- ध्यान दिलाया गया कि भीड़ को सैक्टरों में बांटना आवश्यक है ताकि प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके, न कि सभी श्रद्धालुओं को एक साथ आगे बढ़ने देना जो खतरनाक साबित हो सकता है।
ट्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड की जवाबदेही
- TDB ने यह स्वीकार किया कि छह महीने पहले सही तैयारी नहीं हुई और अब हालात को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं।
- बोर्ड के नए अध्यक्ष के. जयकुमार ने माना कि नौकरशाही में देरी के कारण उचित इंतजाम नहीं हो सके।
- उन्होंने कहा कि अब भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष उपाय शुरू किए गए हैं, साथ ही श्रद्धालुओं को पानी और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उसकी चुनौतियां
- Sabarimala मंदिर खुलने के 48 घंटों में लगभग दो लाख श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण पुलिस और TDB की व्यवस्थाओं पर दबाव पड़ा।
- कई श्रद्धालु कतार तोड़कर सीधे मुख्य मंदिर की ओर भागे, जिससे सुरक्षा व्यवस्था दुविधा में पड़ी।
- बच्चे और बुजुर्ग श्रद्धालु भी भारी भीड़ में फंस गए, जिससे सुरक्षा चिंताएं बढ़ गईं।
हाईकोर्ट ने जताई विशेष चिंता
- न्यायालय ने पूछा कि क्या मिनट में 80 श्रद्धालु Sabarimala मंदिर के पायदान चढ़ना सुरक्षित है।
- उच्चतम न्यायालय ने जोर देकर कहा कि भीड़ के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं होनी चाहिए।
- सभी संबंधित पक्षों को शुक्रवार तक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें सुधारात्मक कदम शामिल हों।
Sabarimala भारी भीड़ की चुनौती: क्या हैं सुझाव?
- भीड़ को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए तीर्थयात्रियों को छोटे-छोटे समूहों में बाँटना।
- वर्चुअल कतार की संख्या में कमी लाकर तीर्थयात्रियों की चुनी हुई संख्या को ही प्रवेश देना।
- पुलिस और सुरक्षा स्टाफ की संख्या बढ़ाकर और पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराकर त्वरित डील करना।
- ताजगी और आराम के लिए नम पेश संचालन केंद्रों का निर्माण, जहां श्रद्धालु इंतजार करते समय बाहर की भीड़ से बच सकें।
Also Read – Grok Imagine का जादुई नया फीचर! अब आपकी फोटो से 30 सेकेंड में बनेगा रियलिस्टिक AI वीडियो
विपक्षी दलों की आलोचना
- विपक्षी नेताओं ने केरल सरकार की व्यवस्थाओं को नाकाफी बताते हुए कहा कि पानी, भोजन और पुलिस व्यवस्था उचित नहीं थी।
- उन्होंने कहा कि मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के पहले ही ये इंतजाम किए जाने चाहिए थे।
- राज्य में बेहतर तैयारी की मांग करते हुए उच्च न्यायालय की भूमिका अहम मानी गई।
केंद्रीय बलों की तैनाती और आगे के कदम
- भीड़ नियंत्रण की बढ़ती चुनौती को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें केरल पहुंच गई हैं।
- अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किए गए हैं, साथ ही श्रद्धालुओं को समय पर अपने स्लॉट में आने के लिए कहा जा रहा है।
- प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ़ाया है।
सारांश तालिका: Sabarimala भीड़ प्रबंधन की प्रमुख बातें
| मुद्दा | विवरण |
|---|---|
| भीड़ का स्तर | 2 लाख श्रद्धालु 48 घंटे में |
| प्रमुख दोषी | लापरवाही, कमी योजना, कम समन्वय |
| कोर्ट की चेतावनी | आपदा अनिवार्य यदि नियंत्रित न किया गया |
| सुझाव | तीर्थयात्रियों का समूहिक वर्गीकरण, वर्चुअल कतार में कमी |
| विपक्ष की प्रतिक्रिया | सरकार की आलोचना, बुनियादी सुविधाओं की कमी |
| प्रशासनिक कदम | NDRF तैनाती, पुलिस बल वृद्धि, नई नीतियां |
निष्कर्ष
Sabarimala में भीड़ नियंत्रण की कमी ने एक गंभीर खतरे को जन्म दे दिया है। केरल हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी यह दर्शाती है कि उचित प्लानिंग और सक्रिय जुड़ाव के बिना बड़ा हादसा होना तय है। सरकार और ट्रावनकोर देवास्वोम बोर्ड को तत्काल प्रभाव से सुधारात्मक कदम उठाने होंगे ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। सभी नागरिकों और प्रशासनिक विभागों को सहयोग करते हुए एक सुनियोजित व्यवस्था बनानी होगी।











1 thought on “Sabarimala भक्ति के बीच भीड़ नियंत्रण न हुआ तो आपदा होगी अनिवार्य: केरल हाईकोर्ट का सख्त निर्देश”