भारत के शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव (AI syllabus) की शुरुआत होने जा रही है। केंद्र सरकार ने 2026-27 शैक्षणिक सत्र से देशभर के सभी स्कूलों में तीसरी कक्षा से ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एवं Computational Thinking (CT) को अनिवार्य विषय के रूप में लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। यह बदलाव National Education Policy (NEP) 2020 और National Curriculum Framework (NCF) 2023 के अनुसार किया जा रहा है, जिससे देश के बच्चों को डिजिटल युग के लिए पहले से तैयार किया जा सके.
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क्या है नई योजना? – AI syllabus
- तीसरी क्लास से AI syllabus लागू होगा, जिससे छात्रों को मशीन लर्निंग, डिजिटल स्किल्स, प्रोग्रामिंग, एल्गोरिदम, ऑटोमेशन जैसी बेसिक अवधारणाएं मिलेंगी।
- CBSE, NCERT, KVS, NVS एवं IIT Madras के प्रोफेसर की अध्यक्षता में बनी विशेषज्ञ समिति ने इस कोर्स की रूपरेखा तय की है। हर बच्चे को age-appropriate व समावेशी AI शिक्षा दी जाएगी.
- प्राथमिक लक्ष्य है हर छात्र को 21वीं सदी की आवश्यक डिजिटल एवं तकनीकी स्किल्स से लैस करना – ताकि भविष्य के रोजगार व जीवन में टेक्नोलॉजी का फायदा उठाया जा सके.
शिक्षक और स्कूलों की तैयारी – AI syllabus
- देशभर के 1 करोड़ से अधिक शिक्षकों को AI ट्रेनिंग देने की योजना है। पिछले 5 वर्षों में करीब 10,000+ शिक्षकों को Intel, IBM व NIELIT जैसे संगठनों की सहायता से AI शिक्षा दी जा चुकी है.
- CBSE के 18,000 स्कूलों में अभी क्लास 6 से 12 तक AI स्किल विषय चल रहा है। अब ये तीसरी कक्षा से अनिवार्य बनेगा.
- शिक्षक lesson planning, स्मार्ट ई-पाठ्यपुस्तक, डिजिटल content creation, और classroom management के लिए AI टूल्स का उपयोग सीखेंगे.
AI syllabus – छात्रों को क्या मिलेगा?
- छात्रों को ग्रेड 3 में ही computational thinking, coding, AI मूल अवधारणाएं, ethical AI, responsible AI जैसे बेसिक कांसेप्ट्स सिखाए जाएंगे।
- व्यावहारिक लर्निंग के लिए hands-on projects, टीम वर्क, और problem-solving गतिविधियों पर जोर रहेगा।
- higher secondary (9th-12th) में NLP, computer vision, robotics, data analysis, deep learning जैसी advanced AI modules मिलेंगे.
- पूरे कोर्स को ऐसी भाषा में डिजाइन किया जाएगा कि सभी राज्य/माध्यम के बच्चे आसानी से समझ सकें.
इसका समाज और करियर पर असर
- डिजिटल इंडिया मिशन और टेक इंडिया के तहत देश की नई पीढ़ी को global स्तर पर competitive बनाने का प्रयास।
- early AI education से बच्चों में critical thinking, innovation, और responsible टेक्नोलॉजी यूज़ की समझ गहरे स्तर पर बनेगी।
- भविष्य में एआई इंजीनियर, डेटा साइंटिस्ट, रोबोटिक्स रिसर्चर जैसे नए करियर ऑप्शन खुलने की उम्मीद.










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