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भारत में एक बार फिर से बैंकिंग सेक्टर में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। केंद्र सरकार चार सरकारी bank merger (विलय) की तैयारी में है।
इस फैसले से न सिर्फ बैंकों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, बल्कि ग्राहकों को भी बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
bank merger क्यों किया जा रहा है?
सरकार का मानना है कि छोटे सरकारी बैंकों को एक साथ लाने से:
- बैंकों की पूंजी (capital base) बढ़ेगी
- संचालन लागत (operational cost) घटेगी
- सेवा गुणवत्ता और डिजिटल सुविधाएँ बेहतर होंगी
- वैश्विक स्तर पर भारतीय बैंकों की स्थिति मजबूत होगी
किन बैंकों का हो सकता है bank merger?
सूत्रों के अनुसार, सरकार जिन बैंकों के bank merger पर विचार कर रही है, उनकी संभावित सूची नीचे दी गई है:
| बड़ी बैंक | जिन बैंकों का bank merger हो सकता है | उद्देश्य |
|---|---|---|
| SBI (State Bank of India) | UCO Bank, Bank of Maharashtra | ग्रामीण नेटवर्क को मजबूत बनाना |
| PNB (Punjab National Bank) | Central Bank of India | उत्तर भारत में विस्तार करना |
| Bank of Baroda | Indian Overseas Bank (IOB) | दक्षिण भारत में उपस्थिति बढ़ाना |
| Union Bank of India | Bank of India | एक बड़ा राष्ट्रीय बैंक समूह बनाना |
इससे क्या फायदा होगा?
- बैंकों की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी — bank merger के बाद पूंजी का सही इस्तेमाल संभव होगा।
- ग्राहकों को अधिक सुविधाएँ मिलेंगी — एक ही बैंक नेटवर्क में खाते, लोन और डिजिटल सेवाएँ।
- NPA पर नियंत्रण होगा — बुरे कर्ज (Bad Loans) की स्थिति में सुधार आएगा।
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी — बड़े बैंक विश्व स्तर पर भी मुकाबला कर सकेंगे।
सरकार की अगली योजना क्या है?
| चरण | क्या होगा |
|---|---|
| पहला चरण | वित्त मंत्रालय और RBI की बैठक व मंजूरी प्रक्रिया |
| दूसरा चरण | बैंकों के बोर्ड से राय ली जाएगी |
| तीसरा चरण | 2026 की पहली तिमाही तक औपचारिक घोषणा संभव |
विशेषज्ञों की राय
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से सरकारी बैंकों की ताकत और स्थिरता बढ़ेगी।
हालांकि, कुछ चुनौतियाँ भी रहेंगी — जैसे कर्मचारियों का स्थानांतरण और शाखाओं का पुनर्गठन,
लेकिन लंबे समय में यह भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए बड़ा सुधार साबित होगा।
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निष्कर्ष
सरकार का यह bank merger प्लान भारत के बैंकिंग इतिहास में एक और बड़ा कदम साबित हो सकता है।
इससे न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा, बल्कि आम लोगों को भी
बेहतर सुविधा और सुरक्षित सेवाएँ मिलेंगी।
अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि कौन से बैंक सबसे पहले मर्ज होंगे।








