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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में दो सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं।
इनमें कर्नाटक के तुमकूर स्थित श्री शारदा महिला सहकारी बैंक और महाराष्ट्र के सातारा स्थित हरिहरेश्वर सहकारी बैंक शामिल हैं।
केंद्रीय बैंक ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि इन दोनों बैंकों की वित्तीय स्थिति कमजोर थी और भविष्य में उनके लाभदायक बने रहने की संभावना बेहद कम थी।
परवाने (लाइसेंस) क्यों रद्द किए गए?
RBI ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि —
- दोनों बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी (capital adequacy) नहीं थी।
- बैंकों के पास भविष्य में नफा कमाने की क्षमता नहीं दिखी।
- उन्होंने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 5(बी) के अंतर्गत आवश्यक वित्तीय मानदंडों की पूर्ति नहीं की।
- लगातार नियमों और संचालन शर्तों का उल्लंघन किया गया था।
इस कारण, भारतीय रिज़र्व बैंक ने दोनों सहकारी बैंकों के संचालन को “असुरक्षित और जनहित के प्रतिकूल” मानते हुए उनका लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया।
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प्रभावित बैंक
बैंक का नाम | स्थान | प्रकार | स्थिति |
---|---|---|---|
श्री शारदा महिला सहकारी बैंक | तुमकूर, कर्नाटक | महिला सहकारी बैंक | लाइसेंस रद्द |
हरिहरेश्वर सहकारी बैंक | सातारा, महाराष्ट्र | शहरी सहकारी बैंक | लाइसेंस रद्द |
इन बैंकों का संपूर्ण बैंकिंग संचालन अब रोक दिया गया है।
ग्राहक अब नए जमा, निकासी या लेनदेन नहीं कर पाएंगे।
जमाकर्ताओं के लिए राहत — DICGC बीमा से सुरक्षा
RBI ने कहा है कि इन बैंकों के जमाकर्ताओं को Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) योजना के तहत ₹5 लाख तक की बीमा सुरक्षा प्राप्त होगी।
यानी किसी भी ग्राहक के खाते में जमा धनराशि ₹5 लाख तक सुरक्षित रहेगी और यह राशि DICGC द्वारा लौटाई जाएगी।
आगे क्या होगा?
- बैंक का परिसमापन (Liquidation):
अब बैंकों की संपत्ति और देनदारियों का निपटान रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज़ की देखरेख में किया जाएगा। - जमाकर्ताओं को भुगतान प्रक्रिया:
DICGC की बीमा प्रक्रिया के तहत 90 दिनों के भीतर पात्र खाताधारकों को भुगतान शुरू किया जाएगा। - भविष्य के लिए सख्त निगरानी:
RBI ने सभी सहकारी बैंकों को चेतावनी दी है कि पूंजी और अनुपालन मानदंडों का पालन न करने पर इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
RBI की निगरानी और सहकारी बैंकिंग व्यवस्था
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रिज़र्व बैंक ने कई छोटे और क्षेत्रीय सहकारी बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है —
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनता की बचत सुरक्षित रहे और बैंकिंग व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।
सहकारी बैंकिंग सेक्टर में पूंजी पर्याप्तता, संचालन पारदर्शिता और नियामक अनुपालन को लेकर RBI लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है।
निष्कर्ष
भारतीय रिज़र्व बैंक का यह निर्णय जनता की जमा पूंजी की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
हालांकि प्रभावित ग्राहकों को थोड़ी असुविधा होगी, लेकिन DICGC बीमा सुरक्षा से उन्हें राहत मिलेगी।
यह फैसला यह भी दर्शाता है कि अब भारत में बैंकिंग सिस्टम में कड़े नियम और जवाबदेही को प्राथमिकता दी जा रही है।
FAQs
किन बैंकों के लाइसेंस RBI ने रद्द किए हैं?
कर्नाटक की श्री शारदा महिला सहकारी बैंक (तुमकूर) और महाराष्ट्र की हरिहरेश्वर सहकारी बैंक (सातारा)।
RBI ने इन बैंकों के लाइसेंस क्यों रद्द किए?
दोनों बैंकों के पास पर्याप्त पूंजी नहीं थी और नियमों का पालन नहीं किया गया था।
अब इन बैंकों का कामकाज क्या होगा?
दोनों बैंकों का संचालन बंद कर दिया गया है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू होगी।
ग्राहकों के जमा पैसे का क्या होगा?
DICGC बीमा योजना के तहत ₹5 लाख तक की राशि सुरक्षित रहेगी और वापस मिलेगी।
क्या अन्य सहकारी बैंक भी प्रभावित हो सकते हैं?
RBI ने कहा है कि जो बैंक नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जा सकती है।