Parag Agrawal ने फिर मचाया धमाल! AI के लिए बना रहे हैं ‘दूसरा इंटरनेट’, क्या है ये गेमचेंजर?

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Parag Agrawal

याद हैं Parag Agrawal? अब कर रहे हैं AI के लिए कुछ ऐसा, कि दुनिया देखेगी!

अरे, याद हैं आपको ट्विटर के पूर्व सीईओ Parag Agrawal? वही, जिन्हें एलन मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद निकाल दिया था। तो सोचिए, उनका क्या हुआ? Parag Agrawal चुप बैठने वालों में से नहीं हैं! उन्होंने वापस आकर एक ऐसा नया धमाका किया है, जिसके बारे में सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।

Parag Agrawal ने अपनी एक नई कंपनी खोली है, जिसका नाम है “पैरेलल वेब सिस्टम्स इंक.”। ये एक ऐसा क्लाउड प्लेटफॉर्म है जो खास तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम्स के लिए बना है। इसका मकसद है कि AI बड़ी आसानी से ऑनलाइन रिसर्च कर सके, और वो भी बड़े पैमाने पर!

Parag Agrawal ने ये कंपनी 2023 में शुरू की थी और तब से उन्होंने पालो ऑल्टो में 25 लोगों की एक दमदार टीम भी बना ली है। और सबसे बड़ी बात? उन्हें खोस्ला वेंचर्स, फर्स्ट राउंड कैपिटल और इंडेक्स वेंचर्स जैसे बड़े निवेशकों से पहले ही 30 मिलियन डॉलर (लगभग 250 करोड़ रुपये) की फंडिंग भी मिल चुकी है। इसका मतलब है कि लोग उन पर और उनके आइडिया पर भरोसा कर रहे हैं!

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तो ‘पैरेलल’ आखिर कर क्या रहा है?

Parag Agrawal ने लिंक्डइन पर बताया कि उनका प्लेटफॉर्म पहले से ही हर दिन लाखों रिसर्च के कामों को अंजाम दे रहा है। चाहे वो कोई नई स्टार्टअप हो या कोई बड़ी कंपनी, सब इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा है:

  • “सबसे तेज़ी से बढ़ रही AI कंपनियाँ पैरेलल का इस्तेमाल करती हैं ताकि वेब इंटेलिजेंस सीधे उनके प्लेटफॉर्म और एजेंट्स में आ सके।”
  • “एक पब्लिक कंपनी पैरेलल की मदद से उन कामों को भी ऑटोमैटिक कर रही है जो पहले इंसान करते थे, और तो और पैरेलल इंसानों से भी ज़्यादा सही काम कर रहा है!”
  • “कोडिंग एजेंट्स हमारे सर्च का इस्तेमाल डॉक्यूमेंट्स ढूंढने और समस्याओं को ठीक करने में करते हैं।”

AI की भी छुट्टी कर रहा है ‘पैरेलल’ का ये नया टूल!

पैरेलल ने एक नया टूल भी लॉन्च किया है, जिसका नाम है ‘डीप रिसर्च एपीआई’। पराग अग्रवाल कहते हैं कि ये पहला ऐसा टूल है जिसने दो सबसे मुश्किल टेस्ट में इंसानों और यहां तक कि GPT-5 जैसे बड़े AI मॉडल्स को भी पीछे छोड़ दिया है। ये तो बिल्कुल जादू जैसा है!

AI को चाहिए अपना इंटरनेट? क्यों? – Parag Agrawal

Parag Agrawal की नई कंपनी ‘पैरेलल’ का मानना है कि आज का इंटरनेट हम इंसानों के लिए बना है, लेकिन आने वाला समय AI का है। उनकी कंपनी ने एक ब्लॉग पोस्ट में कुछ खास बातें बताई हैं:

  • इंटरनेट हमारी याददाश्त है: इंटरनेट ने इंसानों को बड़े पैमाने पर जानकारी बांटने, सीखने और साथ काम करने में मदद की है। आज के AI की ट्रेनिंग का आधार यही इंटरनेट है।
  • AI बन रहा है वेब का सबसे बड़ा यूजर: अभी तक इंटरनेट हम इंसानों के लिए बना था, जहां हम कुछ पेज देखते थे या छोटी-मोटी सर्च करते थे। पर AI तो पूरा इंटरनेट खंगाल डालता है, घंटों डेटा प्रोसेस करता है और मिनटों में जानकारी जुटा लेता है।
  • पुराने बिजनेस मॉडल नहीं चलेंगे: आज का वेब ‘क्लिक’, ‘विज्ञापन’, ‘पेवॉल’ और ‘गेटेड एपीआई’ जैसी चीजों पर चलता है, जो इंसानी ध्यान खींचने के लिए बनी हैं। लेकिन ये मॉडल मशीनों के लिए नहीं बने हैं। इससे ज़रूरी जानकारी के फंसने का खतरा है।
  • AI के लिए एक ‘प्रोग्रामेटिक वेब’: पैरेलल का मानना है कि इंटरनेट को अब ऐसा बनना होगा जो मशीनों के लिए डिज़ाइन हो। एक ऐसा सिस्टम जो तर्क-वितर्क, कैलकुलेशन और भरोसेमंद जानकारी को सपोर्ट करे।

AI के लिए कैसा होगा ये ‘नया इंटरनेट’?

पैरेलल ने इस नए इंटरनेट के कुछ खास सिद्धांत बताए हैं:

  • एक ही जगह सब कुछ: इसमें डेटा, कैलकुलेशन और तर्क एक साथ होंगे। इसका मतलब है कि ये सिर्फ जानकारी नहीं देगा, बल्कि उस जानकारी से क्या समझ आया और क्या करना चाहिए, ये भी बताएगा।
  • आसान कमांड: AI बस बताएगा कि उसे क्या चाहिए, और सिस्टम अपने आप समझ जाएगा कि वो जानकारी कैसे लानी है।
  • कौन है असली सोर्स: हर जानकारी का स्रोत साफ-साफ बताया जाएगा, ताकि पता चले कि किसने क्या योगदान दिया है। इससे सब कुछ पारदर्शी रहेगा।
  • खुले बाज़ार: अच्छा काम करने वालों को आर्थिक रूप से फायदा मिलेगा। इससे खुलेपन को सिर्फ अच्छे इरादों से नहीं, बल्कि पैसों के प्रोत्साहन से भी बढ़ावा मिलेगा।

पैरेलल का मानना है कि या तो वेब को अपने ‘दूसरे यूजर’ (यानी AI) के हिसाब से बदलना होगा, नहीं तो सब कुछ बिखरने का खतरा है।

कैसे काम करेगा ये ‘जादुई’ प्लेटफॉर्म?

सोचिए, जैसे आपको कोई पर्सनल AI Assistant मिल जाए! पैरेलल इंटरनेट का एक ऐसा वर्जन बना रहा है जो खास AI के लिए है। इसमें इंसानों को क्लिक या सर्च करने की ज़रूरत नहीं होगी। AI सीधे जानकारी मांगेगा, और पैरेलल का सिस्टम उसे ढूंढेगा, प्रोसेस करेगा और व्यवस्थित करके देगा। ये प्लेटफॉर्म जानकारी के सोर्स को क्रेडिट भी देगा और जिन्होंने योगदान दिया है, उन्हें इनाम भी देगा। सीधे शब्दों में कहें तो, पैरेलल AI के लिए वेब का इस्तेमाल करना बहुत आसान और सही बना देगा ताकि वे जवाब ढूंढ सकें और नई समझ पैदा कर सकें। यही है इसका smart तरीका।

तो, आपको क्या लगता है? क्या AI के लिए एक अलग इंटरनेट की जरूरत है? Parag Agrawal का ये नया कदम क्या वाकई AI की दुनिया में गेमचेंजर साबित होगा? अपनी राय जरूर बताइए!


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